सच है साहब। पैसा ही सब कुछ है। ये वो बात है जो बच्चे माँ के गर्भ में ही सीख लेते है, मगर मैंने 31 साल में भी नहीं समझा। पहले मुझे लगता था की इंसान का चरित्र, उसकी परवरिश, उनके संस्कार बहुत बड़ी चीज़ है, मगर अब लगता है की नहीं, ये सब ख़ामख्याली थी। आज की दुनिया के लिए पैसा ही सब कुछ है।
बीते कुछ महीनों में जिस किस्म की पैसों की तकलीफ देखी है, ये कहना गलत नहीं होगा की ज़िन्दगी बस कुछ ऐसी ही हो चली है।
सबक सिखाकर वो पल चला गया। अब ज़िन्दगी अनुभव पर ही ज़िंदा है।
बीते कुछ महीनों में जिस किस्म की पैसों की तकलीफ देखी है, ये कहना गलत नहीं होगा की ज़िन्दगी बस कुछ ऐसी ही हो चली है।
सबक सिखाकर वो पल चला गया। अब ज़िन्दगी अनुभव पर ही ज़िंदा है।
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