Wednesday 3 December 2014

आत्मा है खाली हाथ (A Soul with Empty Hand ) .....

मेरे मित्र श्री निशांत यादव जी द्वारा लिखी गयी एक अद्भुत कविता आपके सामने प्रस्तुत कर रहा हूँ. आशा है आपको पसंद आएगी. आनंद उठाइए: http://www.myfeelinginmywords-nishantyadav.blogspot.in/2014/12/soul-with-empty-hand.html


परमार्थ का स्वार्थ से मेल क्या है !

सत्य का असत्य से भला नाता कैसा !

इन सब तुलनाओं के बीच !

एक सत्य है जीवन और मृत्यु का होना !

जीवन का मृत्यु से और मृत्यु का जीवन से राग अलग है !

क्रोध , द्वेष , हिंसा और मोह माया !

प्रेम , त्याग बैराग्य और तपस्या !

यही इस जीवन का सच है !

मृत्यु क्या है ?

सिर्फ निस्वार्थ चले जाने खाली हाथ ?

हा यही है सच है मृत्यु बाद !

आत्मा है खाली हाथ .............
         

                                                                                           
                                                                                   निशान्त यादव

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