Sunday 19 October 2014

आज दर्द भी है

दर्द इसलिए है क्यूंकि शायद तबियत ने आज मुझपर शक्ति प्रदर्शन किया है मगर मैंने भी यही जाना है की कुछ भी हो जाए हारना नहीं है, और मैंने अपने सारे ज़रूरी काम पूरे किए है और अब आप सब के लिए ब्लॉग लिख रहा हूँ. सोच रहा हूँ की क्यों ना आज आराम करूँ, मगर एक नियम है की प्रतिदिन ब्लॉग लिखना है और वो कैसे छोड़ दूँ, सो आज भी एक ब्लॉग है और ऐसा जिसमे मेरा दर्द भी है और ब्लॉग लिखने की शक्ति भी. चलिए अब आराम करता हूँ, ताकि पूरे सप्ताह कार्य कर सकूँ.

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