Sunday 14 September 2014

जीवन का कमाल देखिए

सच ही तो है, जीवन कितनी अलग और खूबसूरत चीज़ है, इतनी ज़्यादा खूबसूरत की लोग इसके बारे में क्या कहें उन्हें खुद भी नहीं समझ आता. कोई इसे बोझ कहता है, कोई मुश्किलो से भरा दौर, कोई इश्क़ करता है जीवन से, तो कोई इसको एक नियामत मानकर अपनी ज़िन्दगी काटता है. कितने कमाल की बात है, की ज़िन्दगी सबके पास है, मगर देखने के नज़रिये के हिसाब से इसके नाम, इसकी कायनात बदल जाती है. हम सब भी तो कुछ ऐसा ही करते है, गर हमें किसी से प्यार है, तो उसकी गलतियां भी मज़ाक या भोलापन लगती है, वरना वो गुनाह लगती है.

देखिए ना कितने कमाल की चीज़ है ये ज़िन्दगी की हम सब पहले वैसे ही जीते है, पुत्र या पुत्री बनकर, और अपने पितु-माता को बहुत सुख या कष्ट देते है, फिर समय का पहिया घूमता है और हम वापस से अपने पितु-माता की जगह पर आ जाते है, और वो एहसास कर पाते है, जो उन्होंने कभी हमारे कारण महसूस किया था.

अपनी किलकारियाँ तो हम कभी सुन नहीं सके, मगर अपने बच्चो की किलकारियाँ ज़रूर सुनते है, और उनके बिलांग भर बढ़ते शरीर और बुद्धि, उनकी अठखेलियाँ, उनकी ज़िद्द, उनका प्यार और तकरार प्राप्त करते हुए, एक दिन जलकर या दफ़्न होकर अपने अंत को पाते है, जो भी हमारे बड़ो ने पाया था, आज हम भी ख़त्म हो जाते है.

और ये प्रक्रिया, यूँ ही चलती रहती है, जीवन का कमाल देखिए

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